सिम्मी हर्षिता की कहानी उनका जाना और मृदुला गर्ग का मर्म ...इससे ज़्यादा,मृत्यु के बाद याद किये जाने के लिए एक लेखक क्या कर सकता है? …
साहित्यकार और क्या करे, मृदुला गर्गजी ने कहानी के माध्यम से चेताया...नहीं चेते, अब सुमन केशरी दीदी कहानी के अपने पाठ से उपजी विवेचना से चेता रही ह…
गारत हो दिमाग़! कमबख्त डिश कहीं की हो, क्या फ़र्क़ पड़ता है। पर दिमाग़ है कि सबकुछ नोट किये बिना मानता नहीं, बस जीवन की मुफ़लिस-सी आवाज़ में बयान …
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा : समीक्षा: मृदुला गर्ग : अमर उजाला देवदत्त पटनायक एक प्रासंगिक और उपयोगी काम कर रहे हैं एक सटीक अनुवादः …
जेएलऍफ़ में रोमांटिक उपन्यास 'लास्ट ईमेल' और मृदुला गर्ग जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मृदुलाजी के कार्यक्रम पर यह छोटी टिप्पणी में ह…
दो ज़रूरी सवाल और उनके जवाब अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर हिंदी की वरिष्ठ पीढ़ी से मृदुला गर्ग और युवा पीढ़ी से वन्दना राग से दो ज़रूरी …
Lively and generous Ravindra Kalia — Mridula Garg "सांप कब सोते हैं?" कालिया बेहद संजीदगी से कहते , ''मृदुला गर्ग से…
क्या हम साहित्य अकादमी को कमज़ोर बना रहे हैं मृदुला गर्ग मैं वह दुविधा अपने साथी लेखकों से साझा करना चाहती हूँ, जिसने मुझे परेशान कर दिया ह…