उनका आना जैसे बाघ का आना - प्रेम भारद्वाज हम सब एक पिंजड़े में बंद हैं या होने जा रहे हैं उसमें एक शेर (बाघ) भी है, अगर हम बचेंगे तो बाघ की रहमो…
तमंचे पर डिस्को - प्रेम भारद्वाज एक फिल्म है ‘बुलेट राजा’। उसके एक गीत की पंक्ति है, ‘तमंचे पर डिस्को।’ गाना लोकप्रिय और बाजारू है, लेकिन यह मुझे जम…
हम सोचते बहुत हैं मगर महसूस बहुत कम करते हैं। - चार्ली चैप्लिन (एक नहीं हुई गोष्ठी की संक्षिप्त रपट। वक्ताओं के चेहरे नहीं थे, उन्होंने मुखौटा पहन …
पूर्वकथनः दिसंबर का मतलब साल का अंत, खत्म हो जाने का महीना। लेकिन इसके पहले ही कुछ ‘अंतों’ ने मुझे अंतहीन यंत्रणा के हवाले कर दिया। मन्ना डे, राजें…
यह कैसी विडंबना कैसा झूठ है दरअसल अपने यहां जनतंत्र एक ऐसा तमाशा है जिसकी जान मदारी की भाषा है [ धूमिल ] मदारी का मायाजाल प्र…
हमारे लेखन में पूर्वजों का लेखन इस तरह शामिल होता है जैसे हमारे मांस में हमारे द्वारा खाए गए जानवरों के मांस- बोर्हेस आप किसी ट्रैफिक जाम में त…