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तुम हो तो... मेरी नज़र में - वंदना गुप्ता | 'Tum ho to' Poetry Collection of Pratima Akhilesh - Review by Vandana Gupta
टिकट के लिए बात कर दीजिये न - रवीश की रपट | Ravish Kumar on Aspiring Politicians @ravishndtv
 गणतंत्र और स्त्री - मैत्रेयी पुष्पा | Women and Republic - Maitreyi Pushpa
कवितायेँ: नीलम मैदीरत्ता 'गुँचा' | Hindi Poetry : Neelam Madiratta - Guncha
निकट:  जनवरी-जून 2014 | Nikat :January-June 2014
जनतंत्र में कचहरी मृगतृष्णा गरीब की  - जितेन्द्र श्रीवास्तव की कविताएं | Hindi Poetry : Jitendra Srivastava
 प्रवासी साहित्य को मुख्यधारा में स्थान दिया जाए - मृदुला गर्ग | Pravasi literature be brought into the mainstream  - Mridula Garg
हिन्‍दी चेतना' जनवरी-मार्च 2014 अंक
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