कवितायें विभा रानी आ ज नहीं खेली होली! आज नहीं खेली होली पर पूरियां बेलीं भरी कचौरियां - हरे मटर की काटी थोड़ी सब्जियां, रिश…
बहीखाता विभा रानी (शब्दांकन उपस्तिथि) कहानी: अभिमन्यु की भ्रूण हत्या तीन कवितायें आलेख: सेलेब्रटिंग कैंसर! कहानी: रंडागिरी ब…
कोई लौट कर जवाब ही नही देता। अपनी ही आवाज बार-बार लौट कर आ जाती है। …
उतर जा...! क़ैस जौनपुरी मुंबई की लोकल ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पे रूकी. फ़र्स्ट क्लास के डिब्बे में फ़र्स्ट क्लास वाले आदमी चढ़ गए. फ़र्स्ट क्लास वाली औ…
वचन सुनत नामवर मुसकाना अनंत विजय नामवर सिंह का विरोध करनेवालों को यह भी सोचना चाहिए कि …
वाणी न्यास की स्थापना वाणी प्रकाशन 26 जुलाई, 2014, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नयी दिल्ली। वाणी न्यास की स्थापना तथा वाणी प्रकाशन की 50 वीं …
बतरा जी के पाठ, अच्छे या बुरे दिन! क़मर वहीद नक़वी राग देश 1972 का काबुल इतिहास गवाह है कि कट्टरपंथी धार्मिक पुनरूत्थान की शुरुआत …
रोबोट इंसानों की तरह बनाए जा रहे हैं और इंसान रोबट बनता जा रहा है। रोबोट इंसान की तरह लगें इसके लिए दुनिया भर में नए-नए प्रयोग चल रहे ह…