के एन गोविन्दाचार्य हंस की सालाना संगोष्ठी २०१३ में "अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध" पर बोलते हुए
हमारे लोकतांत्रिक जीवन को हिंसा, धर्मांधता, सांप्रदायिकता, अनियंत्रित बाजार आदि से जितना खतरा है, हमारे बौद्धिक जीवन में बढ़ती संकीर्णता से उससे कम …
View Larger Map ― “अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध” ❐ दिनांक ▶ बुधवार, ३१ जुलाई २०१३ ❐ समय ▶ शाम ५ बजे ❐ स्थान ▶मुख्य सभागार, ऐवाने ग़ालिब, मा…
हाल के परिदृश्य में एक नया नज़ारा सामने आया है जिसमें अपनी जान पर खेल कर बाइकर्स आधी रात के बाद तेज गति से अपनी बाइक दौडते हुए, खतरनाक करतबों का अभ्…
वैधानिक चेतावनी: भावुकता विकास के लिए हानिकारक और मौजूदा दौर में असभ्यता है। गुजारिश है कि इसे वे नहीं पढ़े जो उदासी, दर्द, स्मृति, परंपरा को पिछड…
बहुवचन की प्रति प्रेषित करने के साथ ही संपादक अशोक मिश्र ने मुझे अपनी निष्पक्ष राय देने का आदेश भी दिया... अब कहाँ उनके जैसा वरिष्ठ अनुभवी संपादक औ…