प्रेमचंद की जयंती के मौके पर हिंदी साहित्य की मशहूर पत्रिका हंस की सालाना गोष्ठी राजधानी दिल्ली के साहित्यप्रेमियों के लिए एक उत्सव की तरह होता है …
हरि ॐ ... मन तरपत हरि दर्शन को आज मोरे तुम बिन बिगरे सब काज .. जीवन के दर्शन को अपने कागज के कैनवास पर लिपिबद्द करने वाले मशहूर शायर और ग…
बचपन हर इक की आँखों का वो ध्रुवतारा होता है सच है प्यारे बचपन कितना प्यारा होता है उसका रूप सलोना जादू क्यों न …
पिछले दो दशक से पत्रकारिता में सक्रिय अनंत विजय की साहित्य की दुनिया में लगातार आवाजाही है । अनंत अपने समय के सवालों से टकराते हैं और उस मुठभेड़ …
के एन गोविन्दाचार्य हंस की सालाना संगोष्ठी २०१३ में "अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध" पर बोलते हुए
हमारे लोकतांत्रिक जीवन को हिंसा, धर्मांधता, सांप्रदायिकता, अनियंत्रित बाजार आदि से जितना खतरा है, हमारे बौद्धिक जीवन में बढ़ती संकीर्णता से उससे कम …
View Larger Map ― “अभिव्यक्ति और प्रतिबन्ध” ❐ दिनांक ▶ बुधवार, ३१ जुलाई २०१३ ❐ समय ▶ शाम ५ बजे ❐ स्थान ▶मुख्य सभागार, ऐवाने ग़ालिब, मा…
हाल के परिदृश्य में एक नया नज़ारा सामने आया है जिसमें अपनी जान पर खेल कर बाइकर्स आधी रात के बाद तेज गति से अपनी बाइक दौडते हुए, खतरनाक करतबों का अभ्…