मोदी और दलित तुलसी राम मोदी का संघ परिवार तर्क देता है कि दलितों के आरक्षण से सवर्णों के साथ अन्याय होता है. इसलिए आरक्षण समाप्त करके …
मैं दिल्ली नहीं छोड़ सकता अजित राय नसरुल्ला और उनके जैसे हजारों–लाखों लोग जो भारत से बेइंतहा प्यार करते हैं, हम उनके लिए और कुछ नहीं कर सकते …
संवेदना, प्रयोग और बिम्ब की अनुपम छटा अमिय बिन्दु कुमार अनुपम स्मृति के कवि हैं। स्मृतियों का समुच्चय उनके मन पर आघात करता है और फिर पककर कव…
इधर बहुत तेज़ी से हर वर्ग में मुनाफे का खेल पनपा है, उसने सबसे ज्यादा हमारी संवेदनाओं को नुकसान पहुंचाया है। आज हर वस्तु की कीमत है। मनुष्य भी वस्तु…
जनवादी लेखक संघ की केन्द्रीय पत्रिका "नया पथ" जनवरी-मार्च 2014 शब्दांकन के पाठकों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध है. जिसका अनुक्रम न…
21वीं सदी: सकारात्मक पक्ष की सदी आशीष कंधवे ऐसे काल में जब बाजारवाद का साम्राज्य मनुष्य एवं मनुष्यता को भी लाभ-हानि के पलड़े पर तौलकर देखता …
नरेंद्र मोदी का मिशन 2014 सबसे ज्यादा इस प्रचार पर टिका है कि उनके रहते गुजरात का जैसा विकास हुआ, वैसा ही पूरे देश का होगा। इस विकास की गूंज इतनी…
अगर वे ( मोदी ) 2002 के कत्लेआम में अपने शासन की विफलता के लिए ही माफी मांग लें तो ‘मोदी-मोदी’ का जयघोष करता वर्ग उनसे फौरन छिटक जाएगा - ओम थानवी…
कवितायेँ - हेमा दीक्षित हेमा दीक्षित, विधिनय प्रकाशन, कानपुर द्वारा प्रकाशित द्विमासिक विधि पत्रिका 'विधिनय' की सहायक संपादिका हैं। कानपु…
चौं रे चम्पू — अशोक चक्रधर — चौं रे चम्पू! इत्ती बार मिलायौ, फोन चौं नाय उठावै? — बेहोशी की हालत में कैसे उठाता चचा? मेरा ऑपरेशन चल र…
राग देश .... और देश सोने की चिड़िया बन जायेगा! - क़मर वहीद नक़वी लो जी, अब ख़ुश! लहर आ गयी है! सब जगह लहर बोल रही है. देखो रे देखो, मैं…