वो भूली दास्तां ... एक रात हुआ कुछ ऐसा - कि मेरे बिस्तर पर लेटते ही और नींद के आने से पहले, एक नज़्म उतर आई, मेरी इन बंद आँखों में। पहले कुछ …
बेगाना ताजिर* नासिरा शर्मा * ताजिर = Trader सब कुछ माल की खपत पर होता है । जब ख़रीदार नहीं मिलता तो माल पड़ा रहता है । सारे दरवाज़े बंद मिलत…
रागदेश 2014 का सबसे बड़ा सवाल, मुसलमान! - क़मर वहीद नक़वी बीजेपी को लगता है कि 'हिन्दुत्व' अब बैसाखी के बजाय बाधा ही है. देश का नया…
दीप्ति श्री 'पाठक' वर्तमान में 'हिंदी विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय', वाराणसी में हिंदी पत्रकारिता 'स्नातकोत्तर' की …
दैनिक समाचार पत्रों की मुख्यधारा की पत्रकारिता में साहित्य और संस्कृति पर विमर्श और बहस की परंपरा को …
सुबह हुई। उसे चाय की तलब लगी। पर उसके पास समय नहीं था। उसने सोचा, इतने असुरक्षित जीवन में किसी इच्छा का क्या महत्त्व, चाहे वह चाय पीने जैसी अदना…
मैं महाकवि निराला जी से मुखातिब हुआ था - प्राण शर्मा बाऊ जी ने कहा - " देख बेटे , हिंदी रत्न की परीक्षा तूने अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर ल…
मुक्ति मन्नू भंडारी और अंततः ब्रह्म मुहूर्त में बाबू ने अपनी आखिरी सांस ली। वैसे पिछले आठ-दस दिन से डॉक्टर सक्सेना परिवार वालों से बराबर यही क…