भाषाई अराजकता के अपराधी ~ सन्त समीर आश्चर्य की ही बात है कि अपने ढाई हज़ार चिह्ननुमा अक्षरों के साथ चीनी भाषा निरन्तर विकसित हो रही है, जापा…
गुनाह है पर गुनहगार कौन? ~ दिव्यचक्षु ये एक पारिवारिक ड्रामा है लेकिन थोड़ा अलग किस्म का। इसमें थ्रिलर के तत्व भी हैं निर्देशक - निशि…
बाक़र गंज के सैयद 3 ~ असग़र वजाहत मीर जाफर के इतिहास में जाने के लिए पिछली कड़ी, मतलब बंगाल के सूबेदार अलीवर्दी ख़ाँ के युग से बात शुरू करना …
तस्वीरें और 'राजनीति की सांस्कृतिक चेतना' ~ भरत तिवारी 31 जुलाई 2015 को ग़ालिब ऑडिटोरियम में प्रेमचंद जयन्ती और हंस की तीसवीं वर्षगाँ…
सुरेन्द्र राजन ~ असग़र वजाहत की यादें सुरेन्द्र राजन को कौन नहीं जानता. जिसे फिल्म, कला और साहित्य में गंभीर दिलचस्पी होगी वह राजन जी को न …
अनंत विजय - आज याकूब की फांसी की सजा पर छाती कूटनेवालों को उन परिवारों के दर्द का एहसास नहीं है जो 1993 के बम धमाकों में मारे गए थे... …
डॉ. नामवर सिंह अपना सिर पकड़ कर बैठ गए और बोले कि आप लोग किसी शरीफ आदमी के यहां जाने लायक नहीं हैं। आप लोग क्षमायाचना कीजिए। और क्षमायाचना …
सारे रंगों वाली लड़की कल किसी ने याद दिलाया इन कविताओं को, ये 'बहुवचन अंक 41', अप्रैल-जून 2014 में प्रकाशित हुईं थीं... कविता: भरत …