Namita Gokhale — शकुन्तला: स्मृति जाल नमिता गोखले जी को दिल से बधाई! उनके चर्चित उपन्यास 'Shakuntala : The play of memory' …
मौन की राष्ट्रभाषा —अशोक चक्रधर मीडिया शाश्वत सजीव पेटू है, जिसे चौबीस घंटे भोजन चाहिए — चौं रे चम्पू! हरियाना और जेएनयू पै इत…
ज़रूरत से ज़्यादा न फुलाइयेगा. आपके ही ऊपर फूट सकता है अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, अलवर से भाजपा विधायक ज्ञानदेव …
सच यह है कि रवीश कुमार भी दलाल पथ के यात्री हैं — दयानंद पांडेय ब्लैक स्क्रीन प्रोग्राम कर के रवीश कुमार कुछ मित्रों की राय में हीरो बन …
Ashok Vajpeyi after Chanderi Museum visit — Photo © Bharat Tiwari Remembering the reclusive singer — Manjari Sinha We all know about…
मेरा इस्तीफा इस देश के लाखों-करोड़ों कन्हैयाओं और जेएनयू के उन दोस्तों को समर्पित है जो अपनी आंखों में सुंदर सपने लिए संघर्ष करते रहे हैं …
अनारकली — अंजना वर्मा ‘‘ऐ ! चुप रह। जब देखो तब मुस्कुराती रहती है, ठी-ठी-ठी-ठी हँसती रहती है। न कोई सोच, न कोई चिंता। थोड़ी भी शरम है…
Photo: courtesy 'thebigindianpictureDOTcom' © TBIP (Shantenu Tilwankar) असहमति सहन करना आना चाहिए — श्याम बेनेगल सुकरात विचार…