बेशक, अखलाक की हत्या अखिलेश के राज में हुई थी, मगर हत्यारों और आरोपियों का महिमामंडन आपके नेताओं और केंद्र के मंत्रियों ने किया था... — अभिसार श…
Photo (c) Bharat Tiwari कृष्णा सोबती की कविता वैदिक है क्रान्ति क्रान्ति क्रान्ति भारत में क्रान्ति नहीं है यह कोई…
देश का दुख कौन हरेगा? - भरत तिवारी जो जेहन को मथ रहा था उसे लिख दिया है, देखिये... मोदीजी पिछले 3 साल से, जिस तरह कभी न खत्म होने…
आइये मेरे जैसे स्वार्थी बन जाइये — अभिसार शर्मा मैं नहीं चाहता के भारतीय Passport शर्मिन्दगी का सबब बने। — अभिसार शर्मा गाय और…
एक अलग तरह के सलमान हैं यहां। अपनी छवि से अलग। न मारधाड़ और न कमीज उतारकर अधनंगे बदन खलनायकों की पिटाई करनेवाले ट्यूबलाइट: इस फिल्म में …
जब मीडिया संस्थानों का मालिक कौन है — पता ही नहीं हो, तब नेताओं और उनकी भाड़े की सेनाओं के लिए हमें ‘प्रेस्टीट्यूटस’ कहना आसान हो जाता है। …