मृणाल पांडे के उपन्यास का अंश कहते हैं ऐसा लिखिए जो पहले न लिखा गया हो, जो बिलकुल नया हो...इस कहे को सुने तो सारा हिंदी-साहित्य-वर्ग है ल…
पारुल पुखराज की कविताएँ बातूनी और अति-आग्रही न हो कर पारुल पुखराज की कविताएँ अवकाश को स्वयं रचे जाने का स्थान देती हैं। उनका शब…
जेएलऍफ़ में रोमांटिक उपन्यास 'लास्ट ईमेल' और मृदुला गर्ग जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में मृदुलाजी के कार्यक्रम पर यह छोटी टिप्पणी में ह…
हँसी तो औरत... ? देवदत्त पट्टनायक के अंग्रेजी लेख 'The laughter of women' का हिंदी अनुवाद: भरत तिवारी हँसती स्त्रियों के इ…
पटेल ने पूरे देश को जोड़ने का काम किया था मोदीजी, वो किसी भी सूरत मे संघ के Mascot या आदर्श नहीं हो सकते — अभिसार शर्मा मोदीज…
पर यहां तो बिलकुल उल्टा ही हो गया, सुशासन तो बहुत दूर की बात, सरकार और मीडिया बलात्कार की व्याख्या तक करना पसंद नहीं कर रही है! मनोहर लाल खट्…