दोहे और कुण्डलियाँ - संतोष त्रिवेदी
बुरा न मानो होली है - पद्मा मिश्रा
फागुन का हरकारा - गीतिका 'वेदिका'
होली के मुक्तक - सुधेश
खेलूंगी  ई-होली! - सुमन सारस्वत
गन्ध : कहानी - श्याम सखा 'श्याम'
'मुझे बोन्साई अच्छे नहीं लगते' कवितायेँ : प्राणेश नागरी
माँ कहती है परी हूँ मैं... आँचल उन्नति