पुरुषोत्तम अग्रवाल - कहानी: चौराहे पर पुतला | Purushottam Agrawal
एशिया अभी भी घोर पुरुषतांत्रिक व धर्मांध है - तसलीमा नसरीन | Taslima Nasreen
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पारदर्शी था किरणों का तल तक पहुँचना - रीता राम की कवितायेँ
"सत्ता रचना से नहीं घबराती विचार से घबराती है" अशोक वाजपेयी. हंस सालाना संगोष्ठी वीडियो
प्रकाश हजारे का "सत्याग्रह" - गीतम श्रीवास्तव
 घर के लोगों द्वारा किए गये बलात्कार में मदिरा की भूमिका नगण्य होती है - कृष्ण बिहारी