दिल्ली विश्वविद्यालय में शोधारत युवा रचनाकार ऋत्विक भारतीय एम.ए, एमफिल हैं। प्रस्तुत हैं वैलेंटाइन डे पर विशेष उनकी कुछ प्रेम कविताएं। ऋत्विक भारत…
कवि और कविता हमें सच से भागने से रोक सकते हैं? वैसे सवाल तो यह होना चाहिए, हम सच से भागते क्यों हैं? लेकिन, यह भी है कि हम उमा शंकर चौधरी की इन कवित…
दिव्या श्री, कला संकाय में स्नातक कर रही हैं। बेगूसराय बिहार की दिव्या श्री कविताएं लिखती हैं और अंग्रेजी अनुवाद में रुचि रखती हैं। उनकी कविताएं प्र…
गुलज़ार की ज़ुबानी ,भवानीप्रसाद मिश्र के चार कौए (विडियो: साभार ' खटाक ') बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले, उन्होंने यह तय किया …
सबसे ख़तरनाक वो गीत होता है जो मरसिए की तरह पढ़ा जाता है - पाश (अवतार सिंह संधू)
आज के ' टाइम्स ऑफ़ इण्डिया ' की ख़बर है: 'जेएनयू में रिकॉर्ड आवेदन, पिछले साल की तुलना में 22% अधिक'. आज से ठीक तीन वर्ष पूर्व प…
कवि राजेंद्र राजन जी की इन कविताओं को पढ़ने के बाद... कुछ कवि अपना धर्म निभा रहे हैं और बाकियों को कवि कहा, सोचा ही क्यों जाए! भरत एस तिवारी/ श…
और फिर वह हॅंसी फिर उभरी आश्वस्त करती / थोड़ा ताजा थोड़ा नम / ‘‘ और ठीक हो न / कुछ लिखते भी हो / मैंने पढ़ा था शायद.........’’ रघुवंश मणि की कविता…