अपनी सोच को विस्तार देने की गति को निरंतर बढ़ाना और उनसे जन्मे विचारों को शब्दों में परिवर्तित करने की कला को लगातार निखारना और समन्वय रखना मुश्कि…
कुछ रोज़ पहले हतप्रभ था कि लोग बीते दिनों आसाम में हुई हत्याओं की तुलना पेशावर में हुई बच्चों की हत्या से अजीब ढंग से कर रहे थे, समझ नहीं आया कि क्या…
फेसबुक पर 'पाखी' के इस 'टॉक ऑन टेबल' पर बहसें चलती देख कर भी इसे पढ़ने की इच्छा नहीं थी। फिर देखा कि बहसों का रूप तल्ख़ होता जा रहा …
Prem Bhardwaj on Muktibodh & Fascism पार्टनर, बस अब फासिज्म आ जाएगा प्रेम भारद्वाज वह चलता रहा। उसका चलना एक अंधेरे से दूसरे अंधेरे तक का…