खुद से दूर जाना कुछ न करते हुए बैठे रहना घंटों तक सिर्फ शोर सुनते हुए लहरों का भूल जाना अच्छी बुरी हर याद को बहा देना नमकीन पानी में…
यह अक्सर देखा गया है कि हिंदी में कोई एक कहानी किसी लेखक के साथ कुछ इस तरह बावस्ता हो जाती है कि जहां कहीं भी उस लेखक की चर्चा होती है वही एक कहानी …
प्रेम के रंग कहाँ पकड़ आते हैं, कभी पानी का तो कभी आग का, कभी आकाश का नीलापन तो कभी गोधुलि... कथाकार 'हृषीकेश सुलभ' को बहुत अच्छी तरह इन र…
गालिब छुटी शराब: एक लेखक का जीवन दर्शन सीमा शर्मा संस्मरण हिन्दी गद्य साहित्य की आकर्षक सुरूचिकर एवं आधुनिकतम विधा है। जीवन अभिव्यक्ति की…
कहानी पाप, तर्क और प्रायश्चित प्रज्ञा ‘‘सुनो, तुम मीनू को जानते हो?...वही जो तुम्हारे भैया के पास पढ़ती थी।’’ ‘‘ न... नहीं तो।’’ ‘…