Magazine लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
'वर्तमान साहित्य' दिसम्बर  2014
बिना सांस्कृतिक सफाई के भौतिक सफाई संभव नहीं है - विभूति नारायण राय
मेरे मन में अनेक विचार उठ-गिर रहे हैं - भारत भारद्वाज
फ़ासिज्म का जहर बड़ा मीठा होता है - विभूति नारायण राय | Fasijm, the Sweet Poison -  Vibhuti Narayan Rai
'वर्तमान साहित्य' अगस्त–सितम्बर, 2014 दुर्लभ साहित्य विशेषांक | Vartman Sahitya (Online) - Aug Sep 2014 [89]
नामवर सिंह से कवि केदारनाथ सिंह की बातचीत / Namvar Singh in Conversation with Poet Kedarnath Singh
 पद्मा विभूति नारायण राय का जन्मदिन | Padma Vibhuti Narain Rai's Birthday
भयानक समय सचमुच मूर्त रूप में हमारे सामने आन पहुचा है - विभूति नारायण राय | Dreadful Time is here - Vibhuti Narayan Rai
आवरण: ''वर्तमान साहित्य'' अगस्त-सितम्बर 2014 | Cover : ''Vartman Sahitya'' August-September 2014
क्या-क्या है : हंस सितम्बर 2014 | Hans September 2014 Content - Hindi Kahani, Kavita, Articles, Ghazal
Forward Press July 2014 फॉरवर्ड प्रेस जुलाई
हंस मई 2014 : Hans May 2014
उत्तर आध्यात्मिकता का अतिक्रमण - विजय राय Infraction of Post-Spirituality - Vijay Rai
पत्रिका : नया पथ (जनवरी-मार्च 2014) Magazine 'Naya Path' (January - March 2014)
लमही औपन्यासिक बनाम उपन्यास विशेषांक - विजय राय | Lamahi Novelistic Vs Novel Issue - Vijay Rai