Veena Karamchandani Ki Kavitayen ईश्वर माँ नहीं इतनी मार्मिक प्रार्थनाएं-अभ्यर्थनाएं बज रहीं हैं घंटियां फूंके जा रहे हैं शंख दुख…
अट नहीं रही है अट नहीं रही है आभा फागुन की तन सट नहीं रही है। कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो, उड़ने को न…
अनामिका की कवितायेँ Poems of Anamika बोलियां नागरी प्रचारणी सभाभवन के पीछे की गलियों में खेसारी के दाल की कचरियां बेच…
स्मिता सिन्हा की कवितायेँ आदत आकाश के आमंत्रण पर अब भी घिर आते हैं काले काले बादल और बरसती हैं बूंदें उ…
अखिलेश्वर पांडेय की कविता बस इतनी गुज़ारिश है मुझे ग़ालिब न बनाओ ग़ाली न दो! मैं बड़ी क़द्र करता हूं उनकी मैं तो उनकी सफेद दाढ़ी का ए…
Hindi Poems Kamal Pandey फिल्मों की कहानी लिखने वाले कमल पाण्डेय की पैदाइश चित्रकूट की है , इलाहबाद विश्वविद्यालय से …
कविता के उद्देश्य को साकार करतीं नवोदित कवि विनोद कुमार दवे की कवितायेँ Poems of Vinod Kumar Dave तुम कहां थे तुम कहां थे …
तर्ज बदलिए Poem by Krishna Sobti गुमशुदा घोड़े पर सवार हमारी सरकार नागरिकों को तानाशाही से लामबंदी क्यूँ करती है और फिर दौलतमं…