द्वारपाल हनुमान चालीसा : चौपाई 21 राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥ शिव के द्वारपाल नंदी का बदला, राम…
एक-से-बढ़कर-एक: बेहतरीन अनुदित कवितायेँ — प्रकाश के रे Poem of Bertolt Brecht in Hindi, translation: Prakash K Ray 1 बर्तोल्…
देवदत्त पटनायक की वर्तिका का बल पांडित्य बघारने पर केंद्रित नहीं — मृणाल पाण्डे गैर-राजनीतिक इरादे से देसी परंपरा को हिंदी में सम…
कविता का विश्व — प्रकाश के रे विश्व कविता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं विभिन्न भाषाओं के महान कवियों की कुछ रचनाओं के अनुवाद. ये अनुव…
तेरह बरस की लड़की | हकलाहट के सच्चिदानंदन की दो कवितायेँ प्रकाश के रे मलयालम साहित्य में मॉडर्निज़्म के सशक्त हस्ताक्षर किय्यमपरम्…
हँसी तो औरत... ? देवदत्त पट्टनायक के अंग्रेजी लेख 'The laughter of women' का हिंदी अनुवाद: भरत तिवारी हँसती स्त्रियों के इ…