करी ख़ुदकशी युवा कृषक ने, रुदन भरी तेरहवीं, पंच मौन थे ग्राम-सभा के, हुई न गहमागहमी। देना मोल फसल का सारा। प्यारे, तेरह प…
नेटवर्क फेल हो जायेगा, विश करोगे कब ~ रघुवंश मणि इस गैरलेखक और गैरविचारक दौर में सोचिये तो बहुत से भय लगे रहते हैं, जिनकी चर्चा में लग ज…
चौं रे चम्पू! —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! नए साल ते का उम्मीद ऐ तेरी? साल तो पलक झपकते बी…
Har Har Modi Jai Jai Modi Sadhavi Khosla #हर_हर_मोदी !!! (हिंदी में पढ़ें) Three years ago, the people of India selected Narend…
व्यंग्य हर हर मोदी! ... साध्वी खोसला अनुवादक : भरत तिवारी Har Har Modi !!! (read in English) मोदी सरकार की कृपा से आ…
उम्र भर लेखन करने के बाद हम लेखकों को दारूखोरा गाली कतई सहन नहीं है — कृष्णा सोबती व्यंग्य हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली ज़िन्दाबाद…
साहित्य एक समोसा — सुधीश पचौरी मैं देख रहा था कि साहित्य का अंत हो रहा है और उसका चिर सखा समोसा कोने में पड़ा रो रहा है। मुझे पता था कि…
Bhagat Ki Gat ( Environment Noise Pollution, a story) — Harishankar Parsai Environment Noise Pollution, a story उस दिन जब भगतजी क…