अनुशासित प्रशासन लाने की एक सार्थक पहल -अशोक गुप्ता कम से कम विगत तीन दशकों से भारतीय राजनेताओं के दंभ जनित व्यवहार में अनुशासन का घोर ह्रा…
कोलकाता में 'जानकीदास तेजपाल मैनशन' पर आयोजित परिचर्चा में साहित्य-प्रेमियों की उमड़ी भीड़ - ‘ विमर्शों के इस दौर में जब साहित्य…
दरवाज़ा खोलो .....! उपासना सियाग " दरवाज़ा खोलो !!" " ठक ! ठक !! दरवाज़ा खोलो !!! रात के तीन बजे थे। सुजाता ठक -ठक…
कविताएँ - स्वरांगी साने 1. स्वप्न यात्रा हर बार शुरू होती है स्वप्न यात्रा कहते हुए सपनों का कुछ सच नहीं होता सपनों में कुछ सच…
कवितायेँ - दामिनी यादव स्वतंत्र लेखन, संपादन और अनुवाद के ज़रिये हिंदी से जुड़ी दामिनी यादव की कवितायेँ स्त्री के मन के भावों को बिना छुपा…
कवितायेँ - संजना तिवारी बिकती है वो टुकड़ो- टुकड़ो में खुद को लिखती है वो कहीं किताबों कहीं अखबारों में बिकती है वो .....।। उसे…
दलित लेखक संघ के आठवां चुनाव सम्पन्न पर स्वेतपत्र जारी दिनांक 12/05/2015 ( रविवार) को शाम 5:30 बजे दलित लेखक संघ की बैठक स्थान 'आल…
इन्शाँ वही इन्शाँ है कि इस दौर में जिसने देखा है हकीक़त को हकीक़त की नज़र से ~ 'चाँद' कलवी ऐसा कुछ प…