अब तो लगता है इस तरह से जीना होगा प्यास लगने पे लहू अपना ही पीना होगा किसको फुर्सत है की ग़म बाँट ले गैरों का यहाँ अपने अश्…
चाँद की बेचैनी ! चाँद में है बेचैनी और तारों में भी है कुछ सुगबुगाहट सी बस कुछ और पल और आ जायेगा सूरज उनकी रोशनी का सौदा करने मेरी …
जनवादी लेखक संघ, अक्षरकुम्भ, सिंहभूम जिला साहित्य परिषद् आदि साहित्यिक मंच की सदस्या कल्याणी कबीर का जन्म बिहार के मोकामा गाँव में ५ जनवरी को ह…
15 अगस्त को बिहार के मुजफ्फरपुर में जन्मीं कविता की लेखन विधाओं में कहानी, उपन्यास, कविता, समीक्षा आदि शामिल हैं। युवा लेखिका कविता के अब तक …
इन्दुमति सरकार रेडि़यों के युववाणी चैनल में कविता-पाठ, पांचजन्य, आजकल, साहित्य अमृत, संस्कारम, महिला अधिकार अभियान, कादमिबनी तथा अन्य पत्र-पत…
वैदिक हिंसा हिंसा न भवति – राजेन्द्र यादव (हंस जुलाई २०१३ से साभार) पिछले दिनों छतीसगढ़ में कांग्रेस के सरकारी नेताओं के एक दल पर नक्सलवादि…
सुशील केर चकल्लस – १ सच बात तो यह है कि इसी विशेषता के कारण अपना देश पूरी दुनिया में विशेष है। हम अवसर की तलाश में रहते हैं। मिलते ही काम पर लग ज…
अंतरराष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान के 19 वर्ष : तेजेन्द्र शर्मा लगता है कल ही की बात है जब डा धर्मवीर भारती , जगदम्बा प्रसाद दीक्षित एवं म…