यह कैसी विडंबना कैसा झूठ है दरअसल अपने यहां जनतंत्र एक ऐसा तमाशा है जिसकी जान मदारी की भाषा है [ धूमिल ] मदारी का मायाजाल प्र…
“ बस, अब यह पाइन-ब्रुक वाला रास्ता ले लीजिए । ट्रैफ़िक - लाइट पर बांये, अगली ट्रैफ़िक – लाइट पर दांये, और इसी सड़क पर सीधे चलते जाओ जब तक कि……।” …
एक विचित्र चित्र शब्दों को सँजोता संवेदनशील मन की लड़ियों में रेखाएँ काढ़ता तूलिका साधता रंगों को करता संयोजित बना देता अनायास ही चित्र जो…
विदग्ध रंगमय आकाश में एक सलेटी चन्द्रमा मनोज कचंगल की कला में उपस्थित जिस तत्त्व ने मुझे शुरू से आकर्षित किया, वह है - विनम्र सादगी। मनोज के च…
हमारी स-प्रमाण गर्वोक्ति अशोक गुप्ता इस आलेख के आवेग में वरिष्ट विचारक अजित कुमार एवं अर्चना वर्…
काश कि पहले लिखी जातीं ये कविताएं - प्रियदर्शन एक वह एक उजली नाव थी जो गहरे आसमान में तैर रही थी चांदनी की झिलमिल पतवार लेकर कोई ता…
पेंशन का रिश्ता -अमिय बिन्दु दीपू की चीख सुनकर किरन की अचानक नींद खुल गई। समझ नहीं पाई, यह कोई सपना था या हकीकत। अधखुली आँखों…
जिस बंदे ने मेरा जीना-मरना एक कर दिया है उसका नाम है, रवि। जी हां रवि, मगर मैं उसे रवी कह कर पुकारती हूं, छोड़िए मेरा क्या, मैं तो उसे जाने क्या क्य…