क्या -क्या है हंस जून 2014 संपादकीय - अपुष्ट तुष्टीकरण और बकवास: संजय सहाय ( शब्दांकन के पाठक सम्पादकीय यहाँ पढ़ सकते हैं ) अपना मोर्चा …
ईमानदार लोगों के साथ यही दिक़्क़त है, सच का बुरा मान जाते हैं। कम ईमानदार लोगों की यही सिफ़्त है, ज़िन्दादिल होते हैं, मज़ाक का बुरा नहीं मानते। …
अच्छे दिन आ गए हैं सत्ता बदल गई है आवाजें भी, चेहरे भी शब्दनाद भी, शंखनाद भी सत्ता के गलियारे में नए दमकते चेहरों की आमद हुई है हर सत्ता क…
ग़लती बाबा और 'हड़बड़ पार्टी' की गड़बड़! - क़मर वहीद नक़वी एक ग़लती बाबा हैं! दूसरों की ग़लतियों से पनपे और फूले. फूल-फूल कर कु…
राकेश बिहारी की ईमेल अभी-अभी मिली, पढ़ कर सकते में हूँ... तय नहीं कर पा रहा कि क्या कहूँ; बहरहाल मुझसे जो हो पाया किया... आगे आप-सब ही कहें या .....…
पुस्तक मेला के निहितार्थ अशोक मिश्र (संपादक बहुवचन) पुस्तक मेले में अशोक मिश्र एक और नजारा यह देखने को मिला कि मेला आयोजक संस्था नेशनल बुक…
चौं रे चम्पू कवि-खोजी मनमौजी सिलसिला अशोक चक्रधर — चौं रे चम्पू! है कहां? दिखौ ई नायं भौत दिनन ते! कहां भटकि रह्यौ ऐ रे लल्ला? — …
आल इज नॉट वेल हसन जमाल हसन जमाल संपादक ‘शेष’ पता: पन्ना निवास, लोहारपुरा, जोधपुर-342002 (राजस्थान) मो० : 098 29 31 4018 .....वक्त तो ब…