राग देश इस बजट को बताना चाहिए कि अगले पाँच साल देश किस आर्थिक राजमार्ग पर चलनेवाला है! तो अब मौसम है बजटियाना! - क़मर वहीद नक़वी …
सू खी बूंदों के जीवाश्म फिर से मैं अपने को भरता हूं..... कोई तैयारी नहीं थी फिर भी मृत्युएं ढंकी थी जीवन की अश्लीलता को छिपाएं…
कुछ तो जानें , कुछ तो मानें अपनी उस नादानी को कैसे खोया हम ने अपने घर के दाना - पानी को अपने को पहचान न पाये ,…
हमारे देश में अपनी विरासत को संभालने के लिए गंभीर उद्यम क्यों नहीं होता है । मानव संसाधन विकास मंत्रालय का छियासठ हजार करोड़ से ज्यादा का बजट है …
मृदुला गर्ग मिलजुल मन - अध्याय तीन (साहित्य अकादमी 2013 'हिन्दी' पुरस्कृत उपन्यास) हम कहेंगे क़िस्सा, आप मानेंग…
डिजाईन और शिक्षा - अपूर्वानंद दिल्ली विश्वविद्यालय के नए कार्यक्रम के साथ गड़बड़ यह हुई कि उसने बाज़ार की फौरी ज़रूरत को पूरा करने वाले कर्मी तैयार …
फारवर्ड प्रेस जुलाई 2014 1. लोकसभा चुनावों का प्रेमकुमार मणि द्वारा बहुजन दृष्टिकोण से मूल्यांकन 2. मुस्लिम राजनीति पर अतिफ रब्बानी का लेख…
गुलज़ार की 10 बेहतरीन कविताएं! Gulzar's 10 Marvelous Poems गीतकार गुलज़ार ने कई फ़िल्मों के लिये गीत तो लिखे ही हैं साथ ही उन्होंने कई बेहतरीन क…