द्रौपदी पीक ~ किरण सिंह कहानी कहने की कला में पारंगत होती-सी किरण सिंह ने हिंदी-कहानी-साहित्य में – जहाँ तक मुझे लगता है - एक बिलकुल …
बेचैन रूह का मुसाफिर - 1 रवीन्द्र कालिया संस्मरण वरिष्ठ कथाकार रवीन्द्र कालिया अपने संस्मरण के लिए भी कम प्रसिद्ध नहीं हैं । उनकी अप्…
सिनेमा मनोभाव नहीं दर्शा सकता - शिवमूर्ति मशहूर कवि केदारनाथ सिंह ने आज (1 नवम्बर 2015) यहां कहाकि पुस्तक और पुस्तकालयों की शक्ल अब बद…
यह नीतीश की नहीं, गणित की जीत है - नीरेंद्र नागर जबसे बिहार के चुनावी नतीज़े आए हैं, सभी नेता और एक्सपर्ट महागठबंधन (मगब) की जीत के …
साहित्य अकादमी इतनी छोटी कब से हो गयी कि उसके खैरख्वाहों ने पुरस्कार लौटाने वालों से इससे जुड़े यश और अर्थ का हिसाब माँगना शुरू कर दिया? ~ व…
बिहार चुनाव परिणाम पर अरविन्द केजरीवाल Your browser does not support HTML5 video. ००००००००००००००००…