वह बहुत डरता है राजदण्ड से जितेन्द्र श्रीवास्तव की कविताएँ >>सरकारों के स्वप्न में वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का समय करी…
क्या यह इंसानी अहंकार नहीं कि वह इस सर्वोच्च सत्ता की मान रक्षा का दावा करता है? - अपूर्वानंद Apoorvanand apoorvanand@kafila.org …
नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ आपके लिए हिंदी अकादमी उपाध्यक्ष मैत्रेयी पुष्पा का साक्षात्कार. हाल में ही दिनेश कुमार से हुई उनकी यह बातचीत '…
हर मामले में एक नाबालिग कच्ची उमर की अबोध बच्ची और पका हुआ खेला खाया नौजवान मर्द. आखिर कहीं तो कोई सिरा मिले जहाँ से सोचना शुरू किया जाय... …
हारती हुई मनुष्यता के पक्षधर पंकज - प्रो. मुरली मनोहर प्रसाद सिंह पंकज सिंह के प्रकाशित तीन संग्रहों में पहला संग्रह ‘‘आहटें आसपास’’ 1…
अब जब कि पंकज सिंह नहीं हैं - कुमार मुकुल अब जब कि मेरे प्रिय कवि पंकज सिंह हमारे बीच नहीं हैं उनकी कविताओं के निहितार्थ नयी अर्थवत…
रुका हुआ लम्हा - रमा भारती कवि के लिए चाँद से मुहब्बत ठीक वैसी ही मोहब्बत होती है जैसी उसकी अपनी मुहब्बत, जिसमें दूरी होते हुए भी नहीं …