महामहिम की सेवा में कृष्णा सोबती का निवेदन महामहिम राष्ट्रपति जी की सेवा में सम्प्रभुतापूर्ण भारत देश राष्ट्र की कोटि-कोटि सन्तानों के…
Sheeba Aslam Fehmi मौलाना तो बस शिखंडी हैं हर धर्म में मर्दों ने पितृसत्ता का एजेंडा महिलाओं को यही समझा कर फिट किया है की भगवान/ अल…
प्रेमचंद के फटे जूते premchand ki kahani — हरिशंकर परसाई हरिशंकर परसाई का जन्म सन् 1922 में मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले के जमानी गाँ…
कहानीकार के रूप का वर्तमान अनंत विजय आख़िर हिंदी का कहानीकार वर्तमान से अपनी दूरी को क्यों कम नहीं करता ? क्यों पुराने के मोह से जुड़ा …
कहानी - नईम कव्वाल इंदिरा दाँगी टूटी मज़ार के आगे एक सूनी सड़क जाती है। सड़क के भी आगे, कच्चे रास्ते पर चली जा रही है एक लेटेस्ट माडल क…
Mein Huun Yusuf aur Yeh Hai Mera Bhai Kalki Koechlin, Shabana Azmi, Kabir Bedi After a week long celebration of theatre in the nati…
जिंदगी जीने का फलसफा क्या है... कुछ लोगों के लिए 'मैं और मेरा' के संकुचित दायरे से निकल किसी अनजान चेहरे पर मुस्कान लाना ही जिंदगी का द…
सूचना तकनीक के विस्तार ने असंख्य लोगों को लेखक होने के भ्रम में डाल रखा है जिसे प्रकाशक भी हवा दे रहे हैं। पर गंभीर रचनाकर्म अब भी जिन्दा है…