धर्मयुग: हृषीकेश सुलभ की बेजोड़ कहानी 'रक्तवन्या'
वो एक लम्हा — #सुनोकहानी — रश्मि नाम्बियार
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा — मृदुला गर्ग
श्री नरेंद्र मोदीजी की इज्ज़त बढ़ गई...
चूकिए नहीं, फौरन पढ़िए यह पिता—पुत्र संवाद
निर्माल्य — डॉ. सच्चिदानंद जोशी : हिंदी कहानी