जयश्री रॉय की कहानी — इक्क टका तेरी चाकरी वे माहिया...
व्यंग्य ―  स्वार्थ के बवंडर तले राजधानी ―  डॉ अनिता यादव
दलित राजनीति के अलावा भी 'काला' को देखने के संदर्भ हैं — प्रकाश के रे | #Kaala
उषाकिरण खान — मैथिली कथा — 'नींबू का स्वाद' | #Kahani #Shabdankan
मृणाल पाण्डे — एक सुकवि का मर्म थाहना
बहुरूपिया, संजय कुंदन की कहानी | #Hindi #Kahani #Shabdankan