शब्दों का संसार — शशि थरूर खलीज टाइम्स के संपादक ने जब मुझे शब्दों और भाषा के ऊपर स्तम्भ लिखने के लिए आमंत्रित किया तो मैं तोड़ा झिझका। शब्दों के…
My father, Chandran Tharoor, was an immense influence on my life. — Shashi Tharoor Shashi Tharoor’s World of Words is a weekly column in the Wee…
धन्यवाद ज्ञापन और फूलों की बौछार नहीं बल्कि हमें ठोस कदम उठाने होंगे - शशि थरूर
कहानी विधा के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत संस्थान ’स्वयं प्रकाश स्मृति न्यास’ ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार स…
सरकार जनता की सेवा के लिए है, उससे सच छिपाने के लिए नहीं, यह पब्लिक रिकॉर्ड एक्ट में संशोधन का वक्त है - डॉ शशि थरूर हाल ही में सरकार ने सरका…
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विकास से ही भारत का विकास संभव है। - डॉ पीएस वोहरा भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी एक दीर्घकालीन वैश्विक पहचान है जो कि भारत की स…
भारतीय गांव और उपन्यास का नॉर्मेटिव स्पेस — डॉ. कविता राजन
राजनीति की दुकान खोलने वालों, बेहतर होता साबुन के सेल्समैन बन जाते जिस साबुन से गल्ला भरता बेचते। जितिन प्रसाद जी, राजनीति में मैली चादर ओढ़ लेना, व…
समीक्षा आवां: उपभोक्ता समाज का चक्रव्यूह-भेदन डॉ० कविता राजन बीसवीं सदी के अंतिम वर्ष में पूर्ण महाकाव्यात्मक व्याप्ति के साथ प्रस्तुत यह स्वातं…
मुकम्मल कोविड आरोप-पत्र डॉ शशि थरूर बेंगलूरू दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपनी ही पार्टी के अधीन नगर निगम की विफलताओं को दिखाने के लिए वॉ…