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हे वलेक्सा एक फ़ड़कता व्यंग्य लिखो ना ~ मलय जैन | Vyangya by Maloy Jain
गर्दिश के दिन (आत्मकथ्य) — हरिशंकर परसाई | Harishankar Parsai Vyangya in Hindi
बारूद भाई की फ्रेंड रिक्वेस्ट और फुस्स प्रोफ़ाइल — मलय जैन
हरिशंकर परसाई — 'जिंदगी और मौत का दस्तावेज़' [वसीयतनामा फरमाइशी] | Harishankar Parsai Vyangya in Hindi
गो टू हेल का मतलब और चर्चित मीडियाकर्मी कलाप्रेमी प्रकाश के रे का बाल की खाल उधाड़ना
शादी की कहानी बताइए : हंस में प्रकाशित मलय जैन की कहानी 'शालिगराम की नतबहू'