हिंदी व्याकरण पर, उसकी कमियों पर गलतियों पर सोशल मीडिया में चर्चाएं होती रहती है। कभी चंद्रबिंदु तो कभी स-श-ष तो कभी नुक्ते को होना चाहिए या नह…
कृष्णा सोबती: प्रतिरोध की आवाज़ —ओम थानवी कृष्णाजी से पाठक के नाते मेरा रिश्ता पुराना था। दिल्ली आने के बाद कुँवर नारायण, कृष्ण …
अनुभवों का विशद फलक कल अपराह्न तीन बजे विश्व पुस्तक मेले में श्री शिवरतन थानवी की नई किताब ' जग दर्शन का मेला ' का लोकार्पण…
Save 'The Wire' — Om Thanvi वायर कि जय ? — ओम थानवी आप जानते हैं, देश में मीडिया संकट में हैं। सरकार की सेवा करने (और बदले …
न्यायबुद्धि की सुनें ― ओम थानवी बेचारे सांसद को कल रेलगाड़ी से मुंबई लौटना पड़ा। शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ ने एयर इंडिया में गुं…
'अनारकली ऑफ़ आरा' अविनाश इसी तरह और बढ़िया फ़िल्में बनाएँगे — ओम थानवी निर्देशक अविनाश दास और स्वरा भास्कर …
विकास या बेरोज़गारी-महँगाई जैसे मुद्दों को भुलाकर ज़मीन और बिजली के बहाने कथित धार्मिक भेदभाव को मुद्दा बनाना हिंदू मतदाताओं को भड़काने के अलाव…
विज्ञापन प्रबंधक को आगे करते तो साबित होता कि कथित ‘एग्ज़िट पोल’ पैसा लेकर छापा गया था — ओम थानवी Dainik Jagran online editor ar…