विनोद भारद्वाजजी अपने इस लेटेस्ट संस्मरणनामा में भारत के महान कलाकार सूजा को याद करते हुए कहते हैं कि उन्हें आप चाहें तो पर्वर्ट कह सकते ह…
कलात्मक संस्मरणनामा , मक़बूल फ़िदा हुसैन साहब से अपने संबंध की लम्बी यात्रा को विनोद भारद्वाज जी ने हुसैन की यादों में पूरी तरह डूबकर…
सच वाला बेमिसाल संस्मरण । कल के संस्मरणनामा में विनोद जी ने जब लिखा कि, 'ये मेरी कोविद लॉकडाउन डायरी की विदाई किस्त है, कुछ और ल…
फ़िलहाल, 'दिनमान की यादें' की आखिरी कड़ी में दिनमान की बातें लिखते हुए विनोद भारद्वाज जी कहते हैं "अज्ञेय और रघुवीर सहाय ने ज…
विनोद भारद्वाजजी के इस 'दिनमान की यादें' संस्मरणनामा को हिंदी साहित्य की दुनिया में ख़ूब पसंद किया जा रहा है. लॉकडाउन संसार में उन…
कवि, उपन्यासकार और कला समीक्षक विनोद भारद्वाज जी को आप शब्दांकन पर पहले भी पढ़ते रहे है. विनोदजी के पास श्रेष्ठ यादों के कई दबे हुए खजाने है…
कवि, उपन्यासकार और कला समीक्षक विनोद भारद्वाज जी को आप शब्दांकन पर पहले भी पढ़ते रहे है. विनोदजी के पास श्रेष्ठ यादों के कई दबे हुए खजाने …