Photo (c) Krishna Sobti कृष्णा सोबतीजी की "मार्फ़त दिल्ली" पढ़ रहा हूँ. मैं, साहित्य आदतन तोड़ा धीरे-धीरे ही पढ़ता हूँ. और तब तो …
ज्ञान गुणसागर की प्रार्थना रविवासरीय हिंदुस्तान से... ऐसे समय में जब आधुनिकता और पश्चिमीकरण की दौड़ में हम अपनी प्राचीन भक्ति और धर…
आखिर कौन से आंतरिक या बाहरी दबाव है जिनकी चुनौती से हमारी पुरानी परम्परा, सनातन शिखर समतल मैदान में बदल जाएंगे। क्या सचमुच? — कृष्णा सोबती …
!-- itemprop="image" meta itemprop="datePublished" content="2015-02-05T08:00:00+08:00"/--> मोदीजी के नाम कृ…
चतुर बनिया पार्टी ! — कृष्णा सोबती साहित्य अकादमी सम्मानित कृष्णा सोबतीजी 92 वर्ष की युवा हैं. बीते दिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं रही और वह…
उम्र भर लेखन करने के बाद हम लेखकों को दारूखोरा गाली कतई सहन नहीं है — कृष्णा सोबती व्यंग्य हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली ज़िन्दाबाद…
रवीन्द्र कालिया पर लिखा ममता कालिया का संस्मरण रवि कथा — भाग २ भाग १ पढ़ें 30 जनवरी सन् 1965 को जिस रवींद्र कालिया से चंड…
रवीन्द्र कालिया पर लिखा ममता कालिया का संस्मरण रवि कथा — भाग १ इन दिनों वक्त मेरे लिए गड्डमड्ड हो रहा है। एक साथ मैं तीन स…
तर्ज बदलिए Poem by Krishna Sobti गुमशुदा घोड़े पर सवार हमारी सरकार नागरिकों को तानाशाही से लामबंदी क्यूँ करती है और फिर दौलतमं…
राष्ट्र के संवैधानिक अधिकारों से देश को सैकड़ों वर्षों के बाद बराबरी का मौसम मिला है जो तानाशाही नहीं, लोकतांत्रिक है। खब…
चित्रा मुद्गल को उपन्यास पोस्ट बॉक्स नं.203-नाला सोपारा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार ममता कालिया स्त्रीविमर्श की हर सफेदपोश पुरोधा को ज़र…
महामहिम की सेवा में कृष्णा सोबती का निवेदन महामहिम राष्ट्रपति जी की सेवा में सम्प्रभुतापूर्ण भारत देश राष्ट्र की कोटि-कोटि सन्तानों के…