किसे होना चाहिये आपका आदर्श? — प्रज्ञा कहानी को कहानी रहने दीजिये, स्त्री का आत्मसम्मान, उसका आदर्श इससे कहीं ज्यादा ऊंचा है। …
स्त्रियों द्वारा अपनी अस्मिता का रेखांकन पुरुषों को “स्वभावतः!” बुरा लगता है। — सुमन केशरी Suman Keshari जब कोई स्त्री पुरुषों…
बड़े प्रतिरोध की आलोचनात्मक भाषा तो और शिष्ट और तर्कसम्मत होनी चाहिए — अनामिका घृणा और आवेग से काँपती हुई भाषा यही बताती है कि आपके बच…
असली सच तो वह है जो शराब की कंपनी के सूडो-विज्ञापन में दिखता है 'मैन विल बी मैन' यानि 'आदमी अपनी जात से नहीं जायेगा'!... जायेगा …
’शाल्मली’ के बहाने स्त्री विमर्श पर चर्चा उर्फ ’’नियम और धर्म केवल कागज पर लिखने के लिए होते हैं या फिर तुम औरतों के लिए…
ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर भारत में जिस तरह की दुविधा का माहौल है, जिस तरह अधिकतर लोगों ने 'नेताओं वाली चुप्पी' ओढ़ी हुई है, उसे समझना कम से क…
पति को उसके माँ बाप से दूर किये जाने में पत्नी की भूमिका दुखद रही है...सुप्रीम कोर्ट ने इस मूद्दे पर कहा है कि ऐसा किया जाना क्रूरता है और इस बिन…
इक्कीसवीं सदी और ट्रिपल तलाक़ — प्रितपाल कौर प्रितपाल कौर pritpalkaur@gmail.com +919811278721 देश में एक बार फिर मुसलमानों में प्रच…