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नामवर होने का अर्थ Namvar Hone Ka Arth  — स्‍वप्निल श्रीवास्‍तव
लौटना है फिलवक्त जहाँ हूँ — अनिरुद्ध उमट
'शब्‍दवेध' एक शब्‍दयोगी (अरविंद कुमार) की आत्‍मगाथा : अनुराग
उपन्यास समीक्षा: नए कबीर की खोज में - डॉ. रमा | Hindi Novel Review NBT
स्त्री संघर्ष की दास्तान - 'रंग राची’ : शशांक मिश्र | Book Review of Sudhakar Adeeb's 'Rang Raachi' by Shashank Mishra
गालिब छुटी शराब: एक लेखक का जीवन दर्शन -  सीमा शर्मा
तिमिर में झरता समय : मुक्तिबोध के विचारों और विश्लेषणों का एक उत्तेजक समुच्चय Rajendra' Mishra's critical reviews on Muktibodh's writing
सरकारी भ्रष्टाचार से लहू-लुहान होता एक ईमानदार अधिकारी - डॉ. बिभा कुमारी | Book Review : Galiyare - Roopsingh Chandel