Hindi Literary Criticism Vs New Generation — Anant Vijay आलोचना से बचती युवा पीढ़ी — अनंत विजय अभी पिछले दिनों एक अनौपचारिक …
कहानीकार के रूप का वर्तमान अनंत विजय आख़िर हिंदी का कहानीकार वर्तमान से अपनी दूरी को क्यों कम नहीं करता ? क्यों पुराने के मोह से जुड़ा …
सूचना तकनीक के विस्तार ने असंख्य लोगों को लेखक होने के भ्रम में डाल रखा है जिसे प्रकाशक भी हवा दे रहे हैं। पर गंभीर रचनाकर्म अब भी जिन्दा है…
लेखकीय असहिष्णुता पर सवाल ~ अनंत विजय आलोचनात्मक टिप्पणी करनेवाले और रचनाकार के बीच बातचीत बंद हो जाना तो आम बात है …
समीक्षा अंधेरे के सैलाब से रोशनी की ओर बढ़ती आत्मकथा भावना मासीवाल आत्मकथा ‘स्व’ का विस्तार है साथ ही स्व से सामाजिक होने की …
संवेदना, प्रयोग और बिम्ब की अनुपम छटा अमिय बिन्दु कुमार अनुपम स्मृति के कवि हैं। स्मृतियों का समुच्चय उनके मन पर आघात करता है और फिर पककर कव…