Suman Keshari सुमन केशरी के आगामी कविता संकलन 'लोहे के पुतले' से कुछ कवितायेँ जबसे दास्तान-गो महमूद फ़ारूक़ी से “दास्तान ए …
छूट गयी डाल — प्रयाग शुक्ल हाथ से छूट गयी डाल कहती हुई मानो, नहीं, और मत तोड़ो फूल बहुत हैं जितने हैं हाथ में कुछ कल की सुगंध के…
चित्रकार जे स्वामीनाथन की 90वीं जयंती को प्रयाग शुक्ल जी ने, 21 जून को, बहुत करीने और बहुत दिल से कनॉट प्लेस, दिल्ली में मौजूद देश की प्रा…
छोटी-छोटी लाइनों में ख़ूब बड़ी-बड़ी बात बताते हुए, दंभ को परे सरकाए, दूर भगाए, शहर में ज़िंदगी को ढूंढते हुए, छोटे-छोटे शब्दों को करीने से सजाते ह…
प्रताप सोमवंशी की ग़ज़ल Pratap Somvanshi Ki Ghazal उलझ रहा हूं, सुलझ रहा हूं, उजड़ रहा हूं, संवर रहा हूं जितना खुद में डू…
योजना आयोग की पूर्व सदस्या सईदा हामिद की दो नज़्में आसिफा भेड़ें चराते -चराते कहाँ खो गई किस जंगल में जा बस गई मेरी बेटी तुमपे मन्…
'शब्दों का अर्थ बदलने का समय' व अन्य कवितायेँ — प्रो० सदानंद शाही यह शब्दों के अर्थ बदलने का समय है यह शब्दों के सिकुड़ने …
सुनो राजा: एक सुनो राजा तुम ही थे जो उछल-उछल कर पहुंच जाते थे सबसे ऊपर वाली सीढ़ी पर चिढ़ाते थे सबको यह कहकर तुम सब हार गए मैं जीत ग…