देवदत्त पटनायक की वर्तिका का बल पांडित्य बघारने पर केंद्रित नहीं — मृणाल पाण्डे गैर-राजनीतिक इरादे से देसी परंपरा को हिंदी में सम…
कविता का विश्व — प्रकाश के रे विश्व कविता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत हैं विभिन्न भाषाओं के महान कवियों की कुछ रचनाओं के अनुवाद. ये अनुव…
तेरह बरस की लड़की | हकलाहट के सच्चिदानंदन की दो कवितायेँ प्रकाश के रे मलयालम साहित्य में मॉडर्निज़्म के सशक्त हस्ताक्षर किय्यमपरम्…
हँसी तो औरत... ? देवदत्त पट्टनायक के अंग्रेजी लेख 'The laughter of women' का हिंदी अनुवाद: भरत तिवारी हँसती स्त्रियों के इ…
देवनागरी की महत्ता पर बापू का ख़त हिंदी-दिवस विशेष इस संस्करण को हिंदी में छापने के दो उद्देश्य हैं। मुख्य उद्देश्य यह है कि …
इफ आई वर अ मुस्लिम — बरखा दत्त / अंग्रेज़ी से हिंदी अनुवाद: भरत तिवारी बरखा दत्त ने पिछले दिनों ‘द वीक’ के अपने सम्पादकीय लेख ‘…
अनन्या वाजपेयी गांधी की ऐसी जरूरत पहले कभी नहीं महसूस हुई — अनन्या वाजपेयी जिस दक्षिणपंथी हिंदू श्रेष्ठवादी पार्टी का शासन — अल्पसंख…
मेरी जब पत्रकारों से मुलाकात होती है वो मुझसे कहते हैं ‘हमें लिखने ही नहीं दिया जा रहा है जो लिखना चाहते हैं’ ‘सच की ताकत’ के ऊपर ‘ताकत …