रणवीर ने निर्देशक-दृष्टि से अभिनय किया और वह संजू के अंदर के दस-बीस आदमियों के अंदर सफलता से चला गया —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! च…
बहुत से कवि ऐसे भी हैं जो न तो महानगरीय कुलीनता से मुक्त हुए न ही अपने जातीय सवर्णवादी संस्कारों से मुक्त हुए मगर अपने आपको "वाम" कह…
भाग-3: सत्ता और पूँजी के संरक्षण में विकसित जमीन से विस्थापित कविता का कुलीनतंत्र — उमाशंकर सिंह परमार यह समय विज्ञापन और प्रचार और समझौतों …
साम्प्रदायिकता विरोध की एक अवधारणा है कि "हिन्दुत्व की बुराई करना" जो हिन्दुत्व की बुराई करेगा वही धर्मनिरपेक्ष है। यह उथली समझ है…
प्रखर युवा आलोचक उमाशंकर परमार की आलोचना में वह धार है जिसका वर्तमान (युवा) साहित्यकारों का पता ही नहीं था. अच्छी बात यह है कि वह तक़रीबन निर्मम…
साँप वाला बॉक्स उठाया और फिर दौड़ा — शायद बिना ही साँसों के। और अबकी जो गिरा... लिखते जाओ इंदिरा दाँगी...लिखते जाओ. प्रिय लेखक यों ही नही…
अचानक — बगैर किसी पूर्वयोजना के (इम्प्राम्प्टू) — ही जब कभी मैंने किसी कवि को रिकॉर्ड किया हो, वह कविता.. #PoetryI…
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11 लोगों की खुदकुशी की घटना... ललित के साथ उसके परिवार के बाकी 10 सदस्यों का बर्ताव उन्हें 'शेयर्ड साइकोटिक …