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राम के दरवाज़े के द्वारपाल | #MyHanumanChalisa
रामचरितमानस में नपुंसक — देवदत्त पट्टनायक | अनुवाद: भरत तिवारी
मृणाल पाण्डे — एक सुकवि का मर्म थाहना
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा — मृदुला गर्ग
हनुमान की एक बहुमुखी छवि दिलो-दिमाग में बनती जाती है | #MyHanumanChalisa
औरतों की हँसी — देवदत्त पट्टनायक @devduttmyth (अनुवाद भरत तिवारी)
गरुड़ की मुक्ति | Best Books of Devdutt Pattanaik | देवदत्त पटनायक
रामराज्य में हंसना मना था ! — देवदत्त पटनायक | @devduttmyth