Jeevan kya Jiya - 4b Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) उधर द्विवेदी जी के विरुद्ध भी कम वि…
सचमुच वाजपेयी जी ने विरोध किया था। Jeevan kya Jiya - 4a Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) मै…
Jeevan kya Jiya - 3 Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( आत्मकथा नामवर सिंह बक़लम ख़ुद का अंश) अजीब बात है कि लोगों को दुख की बातें, अपमा…
मैंने कभी अपने गुरुदेव हजारी प्रसाद द्विवेदी से पूछा था, ”सबसे बड़ा दुख क्या है?“ बोले, ”न समझा जाना।“ और सबसे बड़ा सुख? मैंने पूछा। फिर बोले, ”ठ…
मैंने कभी अपने गुरुदेव हजारी प्रसाद द्विवेदी से पूछा था, ”सबसे बड़ा दुख क्या है?“ बोले, ”न समझा जाना।“ और सबसे बड़ा सुख? मैंने पूछा। फिर बोले, ”ठ…
जब मैं बनारस में था तब भी मैंने नहीं जाना कि राशन की दुकान कौन सी है, सब्जी कहां मिलती है, कैसे घर का खर्च चलता है। सारा का सारा काम काशी करते …
Namvar hone ka arth : Alochana ka Vatvriksh Swapnil Srivastava नामवर होने का अर्थ: आलोचना का वटवृक्ष स्वप्निल श्रीवास्तव उनके …
मीडिया तुम्हे शर्म नहीं आयी ! - भरत तिवारी मीडिया ! तुमनेे सुर्खियाँ बटोरने वाली हेडलाइन लिखी है मीडिया तुम्हे शर्म नहीं आयी? अस्सी…
डॉ. नामवर सिंह अपना सिर पकड़ कर बैठ गए और बोले कि आप लोग किसी शरीफ आदमी के यहां जाने लायक नहीं हैं। आप लोग क्षमायाचना कीजिए। और क्षमायाचना …
मुझे इस उपन्यास के शिल्प ने मुख्य रूप से आकर्षित किया शिल्प का बहुत सधा हुआ इस्तेमाल किया है दूरदर्शन के कार्यक्रम सुबह सवेरे में प्रो०…
21 नवंबर 2014 को दिल्ली में हिन्दी अकादमी द्वारा 'त्रिवेणी सभागार' में आयोजित एकल-ग़ज़ल पाठ की सफलता भरी मुस्कान से महकते आलोक श्रीवास्तव…
विचारिए साहित्यकार का अकेलापन अनंत विजय राजेन्द्र यादव की पहली पुण्य तिथि पर हुए आयोजन में तीस पैंतीस लोगों का जुटना वरिष्ठ लेखकों के प्रति …