नए घोड़ों पर किस तरह दाव लगाया जाता है, अगर किसी को सीखना हो तो वह कालिया जी से सीखे -अनुज जिस तरह गुलेरीजी की कहानी ' उसने कहा…
रवीन्द्र कालिया का जाना एक अपूर्णीय क्षति है, क्योंकि वो ऐसे लेखक थे जिन्होंने 'ख़ुदा सही सलामत' जैसा उपन्यास दिया, जबकि उनके समक…
सुनहरे स्पर्श वाले कथाकार संपादक - राजेंद्र राव स्मृति शेष बीसवीं सदी के आखिरी दशक में जब ऎसा लगने लगा कि अब हिंदी की साहित्यिक …
रवीन्द्र कालिया...बेहद ज़िन्दादिल, यारबाश, मजाकिया इंसान - अशोक वाजपेयी रवीन्द्र कालिया बहुत पुराने मित्र थे। बेहद ज़िन्दादिल, यारबाश…
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से मेरा सामना - भरत तिवारी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से मेरा सामना पहली बार 2012 में हुआ. तब की बड़ी हसीन यादें हैं…
वीरेन डंगवाल - विनोद भारदवाज संस्मरणनामा लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों, फिल्मकारों की दुर्लभ स्मृतियाँ संस्मरण 14 कवि, उपन्यासकार,…
धर्मवीर भारती - विनोद भारदवाज संस्मरणनामा #संस्मरणनामा जैसा प्रत्याशित था, खूब पढ़ा जा रहा है... विनोद जी से मैं तो कह ही रहा हूँ आप-सब भी क…
निर्मल वर्मा - विनोद भारदवाज संस्मरणनामा लेखकों, कलाकारों, पत्रकारों, फिल्मकारों की दुर्लभ स्मृतियाँ संस्मरण 5 विष्णु खरे पर लि…