बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं ~ फ़िराक़ गोरखपुरी बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं तुझे ए ज़िन्दगी, हम दूर से पहचान…
प्राण शर्मा गली - गली में धूम मची है अंग्रेज़ी की भारत में अब सब के मनों में सोच बसी है अंग्रेज़ी की भारत में अब घर - घर में अब अं…
राजेन्द्र जी के लिए - भरत तिवारी तूम वो मिट्टी हो, बने भगवान जिससे होते हों पूरे कठिन अरमान जिससे भूलना पड़ता ह…
गुलज़ार ... ग़ज़ल Photo: Bharat Tiwari दिखाई देते हैं, धुन्ध में अब भी साये कोई मगर बुलाने से वक़्त लौटे न आये कोई …
चार ग़ज़लें ~ प्राण शर्मा खामियाँ सबकी गिनाना दोस्तो आसान है / खामियाँ अपने गिनाना दोस्तो आसां नहीं परखचे अपने उड़ाना दोस्तो आसां …
ग़ज़लें ~ प्रताप सोमवंशी प्रताप सोमवंशी को कुछ रोज़ पहले एक मुशायरे में सुना, उनकी ग़ज़लों के एक-एक शेर पर वाह निकलती रही, आप ख़ुद देखें... …
तीन ग़ज़लें- एक बह्र प्राण शर्मा 1 कानों में रस सा घोलती रहती हैं बेटियाँ मुरली की तान जैसी सुरीली हैं बेटियाँ क्योंकर न उनको सीन…
कुछ तो जानें , कुछ तो मानें अपनी उस नादानी को कैसे खोया हम ने अपने घर के दाना - पानी को अपने को पहचान न पाये ,…