बस 2 मिनट बोलो :: असग़र वजाहत बस 2 मिनट बोलो 2 मिनट में अपना सारा दुख सुख अपनी व्यथा अपना दर्द अपना भूत और अपना भविष्य कह डालो 2 …
भगोड़े स्वर्ग में छिपे हुए हैं और हम उन्हें नर्क में खोज रहे हैं... स्वप्निल श्रीवास्तव, कविता में आज... कविताओं में भाषा के रोल स…
आलोकधन्वा की कविताओं का सार, संसार कवि को न पढ़े गए से पढ़ें! — सुधा सिंह आलोकधन्वा सन् सत्तर के दशक के महत्वपूर्ण कवि हैं। '…
ऐश ट्रे, जैश-ए-मोहम्मद और वैलेंटाइन डे प्रेमा झा की कविता मैं एक संगठन बनाऊँगी और तमाम ऐसी लड़कियां शामिल करुँगी जो जवान आतंकि…
कविता—दोहे—ग़ज़ल—ओ—नज़्म, पक्की है युवा कवि गौरव त्रिपाठी के कलम की सियाही अलमारी कभी गौर से देखा है? घर की अलमारी…
प्रथम और अंतिम और अन्य सोनाली मिश्रा की कवितायें प्रथम और अंतिम अपने मिलन के प्रथम बिंदु पर उसके माथे पर …
ये सच तो सभी जानते हैं कि अपनी पहली किताब हर कवि/लेखक को बेहद प्रिय होती है. अपने पहले कविता संग्रह ‘संतरंगी मन’ में मैंने जीवन के कई-कई …