क से भय 'क से भय' नाटक 26 मई को जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी के कन्वेंशन सेंटर में मैत्रैयी कॉलेज की थियेटर सोसायटी ‘अभिव्यक्ति’ क…
समीक्षा: इरा टाक दिल ढूंढता है – उपन्यास | लेखक - राकेश मढोतरा सपनों और हकीकत की कश्ती में सवार हर इंसान जीवन के समंदर में इधर से उधर ड…
निरन्तर अन्तर्यात्रा की कविता — प्रभात त्रिपाठी समीक्षा ‘जहाँ होना लिखा है तुम्हारा’ अभी मैं इसी पर सोच रहा हूँ। मैं अपने सोचने को ह…
डियर जिंदगी रवींद्र त्रिपाठी डियर जिंदगी निर्देशक: गौरी शिंदे डियर जिंदगी कलाकार: शाहरूख खान, आलिया भट्ट, कुणाल कपूर, अली जाफर, इरा दुबे,…
ज़मीन की पगडंडियों पर चलते चलते इंसान जब लहूलुहान होता है, तब आयतें लिखीं जाती हैं। दर्द जब कतरा कतरा रिसने लगता है तो कलम से शब्द नहीं आयतें दर्…
अम्मा, रस्मो रिवाजों के धागों से बनी तार-तार चुनर मुझसे वापस लेले मैं तो पैबंद लगाकर थक गयी वो अपनी बेटी को कैसे पेश करुँगी ? माँ मुझ…
लड़कियों को लेकर कितना बदला समाज? रवींद्र त्रिपाठी सन् 2012 के दिंसबर में दिल्ली में `निर्भया- हादसा’ हुआ था। उसके बाद औरतों को लेकर क…
From Shakespeare, via Gulzar — Vikram Phukan In 2014, perturbed by the utter dearth of reading choices in Bengali for children who ar…
Rasiya Ko Naar Banao Ri रवीन्द्र त्रिपाठी - समीक्षा - नाटक 'लेडीज संगीत' Manglesh Dabral, Ravindra Tripathi, Naresh Saxena…
कृष्णा सोबती जी को जन्मदिन की बधाई, उनकी लम्बी उम्र की कामना के साथ युवा कहानीकार कविता ने उनकी चर्चित कहानी 'ऐ लड़की' पर एक बड़ी टिप्पणी…