बुरहान वानी क्या वाकई मौके का हक़दार था? क्या वाकई उसे मौत के घाट उतारने से पहले बात करनी चाहिए थी, जैसे जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़…
Body phele debo — Mahasweta Devi The loss that literature faces with the loss of its crusader is immeasurable. Eminent litterateur a…
कवितायेँ श्री श्री की कविताओं को आपने 'शब्दांकन' में पहले भी सराहा है. पेश हैं उनकी कुछ नयी और नए-रंग की कवितायेँ... श्री श्री …
Frail figure of incredible strength — Namita Gokhle The loss that literature faces with the loss of its crusader is immeasurable. Emine…
नामवर होना ... ~ भरत तिवारी महान तो सब बनना चाहते हैं। अब ये अलग बात है कि इन दिनों - बनें भले ही नहीं, लेकिन ख़ुद को महान समझना और औरों को …
मैं सोचता हूँ के मोदीजी जब 5, 10 या 15 साल बाद देश के प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो उनकी विरासत क्या होगी ? देशभक्ति, विकास, "सबका साथ"…
अर्धसजीव धरती की अरदास —अशोक चक्रधर चौं रे चम्पू! धरम एक अफ़ीम ऐ, जे बात कौन्नैं कही? कही तो मार्क्स ने थी, लेकिन बात…
From Shakespeare, via Gulzar — Vikram Phukan In 2014, perturbed by the utter dearth of reading choices in Bengali for children who ar…
Jeevan kya Jiya - 5 Namvar Singh जीवन क्या जिया! ( नामवर सिंह लिखित आत्मकथा का अंश) हिन्दी का गढ़ तो दिल्ली है, इलाहाबाद है, बनारस…
कभी लगता ही नहीं था कि राजेन्द्र यादव चले जायेंगे — रचना यादव राजेन्द्रजी को गए हुए 3 साल हो गए हैं, पर अभी भी लगता है वो यहीं ह…
sh raza paintings sh raza famous paintings sh raza bindu sh raza paintings for sale sh raza saurashtra sh raza clocher du village syed h…
जी-जान से पत्रकारिता कर रहे उमेश सिंह फ़ैजाबाद से हैं पिछले कुछ वर्षों से 'अमर उजाला' फैज़ाबाद संस्करण सम्हाल रहे हैं . इलाहबाद वि.वि. …