एक पहाड़तोड़ की शौर्यकथा और प्रेमगाथा ~ दिव्यचक्षु माझी - द माउंटेन मैंन निर्देशक - केतन मेहता कलाकार - नवाजउद्दीन सिद्दिकी, रा…
लखि बाबुल मोरे ~ आकांक्षा पारे मैं अपना वाक्य पूरा करती इससे पहले खरजती आवाज ने सूचना दी कि उनका बिल बन रहा है वह अपने जाने की तैयारी करें…
आँखों में नमी है जी अजीब सा हो रहा है कई दफ़ा इसे सुन चुका - पहली ही बार में अनवर मक़सूद के बोलों ने मजबूर कर दिया, कि उन्हें लि…
ह्म्म्म ज़ियादातर लोग कहेंगे कि – पता है... जब तक हम यह नहीं जान लेते कि सब एक ही हैं; इस ‘सब’ में आप से लेकर ‘ब्लैक होल’ तक शामिल हैं, तबतक ह…
दो भाइयों की लड़ाई ~ दिव्यचक्षु मध्यांतर के पहले वाला हिस्सा बहुत धीमी गति से चलता है लेकिन बाद वाला हिस्सा रोमांच से भरा है और `आगे क्या हो…
गुलज़ार ... ग़ज़ल Photo: Bharat Tiwari दिखाई देते हैं, धुन्ध में अब भी साये कोई मगर बुलाने से वक़्त लौटे न आये कोई …
जावेद अख़्तर और मैं ~ असग़र वजाहत की यादें कुछ साल पहले की बात है जावेद अख़्तर और मैं पटना एयरपोर्ट पर बैठे फ्लाईट का इंतज़ार कर रहे थे। हम प…
मेरी पसंद/गीताश्री कविता की कहानी... ~ गीताश्री नदी जो अब भी बहती है... दर्द का दरिया जो अब भी बहता है... मेरी कुछ मान्यताए…
ये कैसी कॉमेडी - बैंगिस्तान आप `शोले’ बनाने चलें और बन जाए `राम गोपाल वर्मा की आग’ निर्देशक - करण अंशुमान कलाकार - रितेश देशमुख, पु…
वर्तमान साहित्य साहित्य, कला और सोच की पत्रिका 'वर्तमान साहित्य' अगस्त, 2015 - आवरण व अनुक्रमणिका आवरण के छायाकार दिल…